हिजबुल्लाह लड़ाकों को उड़ते देख लोग सोचते रह गए- हुआ क्या! इजरायल ने कैसे किया पेजर अटैक?

बेरूत: लेबनान में मंगलवार दोपहर को हिजबुल्लाह के पेजर फट गए। यह विस्फोट इतने बड़े स्तर पर हुआ कि हिजबुल्लाह को समझ ही नहीं आया कि आखिर हुआ क्या। लेबनान में जो भी व्यक्ति पेजर का इस्तेमाल कर रहा था, वो विस्फोट का शिकार बना। दरअसल, हिजबुल्लाह लड़ा

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बेरूत: लेबनान में मंगलवार दोपहर को हिजबुल्लाह के पेजर फट गए। यह विस्फोट इतने बड़े स्तर पर हुआ कि हिजबुल्लाह को समझ ही नहीं आया कि आखिर हुआ क्या। लेबनान में जो भी व्यक्ति पेजर का इस्तेमाल कर रहा था, वो विस्फोट का शिकार बना। दरअसल, हिजबुल्लाह लड़ाके इजरायल के हमले से बचने के लिए पेजर का इस्तेमाल करते हैं। उन्हें लगता था कि पेजर को हैक नहीं किया जा सकता है और वह सुरक्षित हैं। यहां हिजबुल्लाह के लड़ाके यह भूल गए कि पेजर का अविष्कार किसने किया था। दरअसल, पेजर का अविष्कार एक रोमानियाई यहूदी परिवार में जन्में इरविंग अल ग्रॉस ने किया था। ग्रास का जन्म कनाडा के टोरंटो में हुआ था, लेकिन उनका बाकी समय अमेरिका के ओहियो राज्य में बीता।

इजरायल ने हिजबुल्लाह के पेजर को किया हैक


इजरायली मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पेजर को हैक बहुत पहले से किया जा रहा था, लेकिन इतने बड़े पैमाने पर हमले की योजना काफी विचार विमर्श के बाद तैयार किया गया। हमले के लिए महीनों का इंतजार भी किया गया। हाल के वर्षों में, सेल फोन हैकिंग क्षमताओं में जबरदस्त प्रगति हुई है, जिससे हिजबुल्लाह को काफी नुकसान पहुंच चुका है। यही कारण है कि हिजबुल्लाह पेजर का इस्तेमाल करने लगा, लेकिन उसे अंदाजा भी नहीं लगा कि उसके संदेशों पर इजरायल की नजर बराबर बनी हुई है। इजरायल ने ऐसे समय घमाका किया, जब पेजर्स हिजबुल्लाह लड़ाकों के जेब या हाथ में होते हैं। इससे ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचा।


पेजर में कैसे हुए विस्फोट


पेजर एक वायरलेस दूरसंचार उपकरण है जो अल्फान्यूमेरिक या वाइस मैसेज रिसीव करता है। वन-वे पेजर केवल संदेश प्राप्त कर सकते हैं, जबकि रिस्पॉन्स पेजर और टू-वे पेजर इंटरनल ट्रांसमीटर का उपयोग करके मैसेज को रिसीव करने, उसका जवाब देने और नया मैसेज भेजने का काम कर सकता है। ऐसे में पेजर्स को एक ऐसे नेटवर्क का इस्तेमाल करना होता है, जो आसानी से हैक हो सकता है। इजरायली इंजीनियरों ने इसी कमी का फायदा उठाया और हिजबुल्लाह के लड़ाकों से जुड़े पेजर को ट्रैक करना शुरू कर दिया। हमले के वक्त उन्होंने पेजर्स की बैटरी को इतना ज्यादा गर्म कर दिया कि वे किसी बम की तरह फटने लगे। इससे हिजबुल्लाह लड़ाकों में अफरा तफरी मच गई।


इजरायल ने पहली बार नहीं किया हैकर्स का इस्तेमाल


पहले ही अमेरिका और इजरायल ने 2009-2010 के बीच 1,000 से अधिक ईरानी परमाणु सेंट्रीफ्यूज को हैक करके नष्ट कर दिया था। बाद में अमेरिका ने एक महत्वपूर्ण इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स से जुड़े खुफिया जानकारी जुटाने वाले नौसैनिक पोत को हैक कर लिया। 9 मई, 2020 को, ईरान को हैकर्स के हमले के कारण पोर्ट शाहिद राजाई को लंबे समय के लिए बंद करना पड़ा था। 30 अक्टूबर, 2021 को, देश भर में 4,300 ईरानी गैस स्टेशनों को हैक करके बंद कर दिया गया था।

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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